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भारत का संविधान हमारा प्रकाश स्तंभ है ll बराबरी, भागीदारी और समाज के वंचित वर्गों सहित सबका उत्थान इसका प्राण है ll

आज के दिन जन्मे बाबासाहब अंबेडकर के साथ भारतीय मेधा ने एक नई सामूहिक और साहसिक यात्रा शुरू की ll अपने अथक प्रयासों से उन्होंने मानव अधिकारों, सामाजिक न्याय, समता एवं बंधुत्व के प्रश्न को स्वाधीनता आंदोलन की बुनियाद में डालने का प्रयास किया जिसकी परिणति हमारे संविधान में हुई ll

भारत का संविधान हमारा प्रकाश स्तंभ है ll बराबरी, भागीदारी और समाज के वंचित वर्गों सहित सबका उत्थान इसका प्राण है ll

आज जब संविधान की इसी सोच पर सत्ता में बैठे लोगों का हमला जारी है, इसे बदलने की तैयारी है, तब संविधान और उसके मूल्यों को बचाने के लिए एकजुट होना ही बाबासाहब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी ll

बाबासाहब को नमन ll

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